राघवन नैचुरोपैथी में फेफड़ों के कैंसर का उपचार — वैश्विक नवाचारों से प्रेरित भारत की नई राह

डॉ. विजय राघवन के नेतृत्व में अनुपमा हॉस्पिटल, पूर्णिया में फेफड़ों (Lung) के कैंसर का उपचार एक संपूर्ण, वैज्ञानिक और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ किया जाता है। यहाँ मेटाबॉलिक ट्रीटमेंट और नैचुरोपैथी का संयोजन किया गया है — जिससे मरीज को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तीनों स्तरों पर लाभ मिलता है।

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फेफड़ों के कैंसर के प्रकार

नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर

यह सबसे आम प्रकार है (लगभग 80-85% मामलों में)।
इसमें एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा शामिल हैं।

स्मॉल सेल लंग कैंसर

यह तेजी से फैलने वाला कैंसर है (लगभग 10-15% मामलों में)।
यह आमतौर पर स्मोकिंग से जुड़ा होता है।

फेफड़ों के कैंसर के कारण

तंबाकू या सिगरेट पीना (सबसे बड़ा कारण)

सेकेंड-हैंड स्मोक (दूसरों के धुएं का असर)

वायु प्रदूषण

रेडॉन गैस का एक्सपोज़र

जेनेटिक फैक्टर (वंशानुगत कारण)

केमिकल्स का लंबे समय तक संपर्क

मुख्य लक्षण

लगातार या बिगड़ती खांसी

सांस लेने में कठिनाई

सीने में दर्द

खून या जंग के रंग का कफ खांसना

बार-बार छाती का संक्रमण

अचानक या बिना कारण वजन घटना

फेफड़ों के कैंसर में मेटाबॉलिक उपचार: कितनी कारगर है यह पद्धति?

मुख्य दृष्टिकोणों में मेटफॉर्मिन (डायबिटीज़ की दवा), ग्लाइकोलाइसिस अवरोधक दवाएँ (2-deoxyglucose, DCA), केटोजेनिक डाइट, और फास्टिंग-मिमिकिंग डाइट शामिल हैं। कुछ प्रीक्लिनिकल और छोटे पैमाने के ट्रायल्स में संकेत मिले हैं कि यह रणनीतियाँ ट्यूमर की वृद्धि घटा सकती हैं या कीमो/इम्यूनोथेरेपी की असरकारकता बढ़ा सकती हैं।