यकृत कैंसर उपचार में राघवन नैचुरोपैथी — भारत के ऑन्कोलॉजी बदलाव का संकल्प
भारत में कैंसर रोगियों के लिए नैचुरोपैथी आधारित उपचार विकल्पों की एक नई आशा लेकर डॉ. विजय राघवन ने अपनी विशेषज्ञता और सेवा के ज़रिए स्वास्थ्य क्षेत्र में नया बदलाव शुरू किया है। उनकी सोच है कि कैंसर का इलाज केवल रोग के लक्षणों को कम करना नहीं, बल्कि शरीर की संपूर्ण कार्यप्रणाली को स्वस्थ बनाना है।
राघवन नैचुरोपैथी में लिवर कैंसर का इलाज
डॉ. विजय राघवन के नेतृत्व में अनुपमा हॉस्पिटल, पूर्णिया में मेटाबॉलिक ट्रीटमेंट और नैचुरोपैथी के संयोजन द्वारा लिवर (यकृत) कैंसर के उपचार के लिए एक अनूठा एवं समग्र मॉडल विकसित किया गया है। यहाँ उपचार में आधुनिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक पद्धतियों और नैचुरोपैथी का संतुलित समावेश किया जाता है, जिससे रोगी को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक—तीनों स्तरों पर लाभ प्राप्त होता है।



लीवर कैंसर के प्रकार
हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा
हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा
हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा लीवर कैंसर का सबसे आम प्रकार है, जो लीवर की मुख्य कोशिकाओं से शुरू होता है। यह आमतौर पर लंबे समय से लीवर की बीमारी या सिरोसिस (Cirrhosis) वाले मरीजों में विकसित होता है।


कोलांजियोकार्सिनोमा
कोलांजियोकार्सिनोमा (Cholangiocarcinoma) एक प्रकार का कैंसर है, जो मुख्य रूप से पित्त नलिकाओं (Bile Ducts) की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसमें पित्त नलिकाओं की कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जो सही तरीके से काम नहीं करतीं और धीरे-धीरे पित्त के सामान्य प्रवाह और लीवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर देती हैं।
एंजियोसारकोमा
एंजियोसारकोमा (Angiosarcoma) एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो मुख्य रूप से रक्त वाहिकाओं या लसीका वाहिकाओं (Blood or Lymph Vessels) की परत बनाने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इसमें ये कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जो सही तरीके से काम नहीं करतीं और धीरे-धीरे आसपास के ऊतकों और अंगों को नष्ट कर देती हैं।

हेपेटोब्लास्टोमा
हेपेटोब्लास्टोमा (Hepatoblastoma) एक दुर्लभ प्रकार का लीवर कैंसर है, जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों, खासकर 3 साल से कम उम्र में पाया जाता है। इसमें लीवर की अपरिपक्व कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जो सही तरीके से काम नहीं करतीं और धीरे-धीरे स्वस्थ लीवर ऊतक को नष्ट कर देती हैं।


द्वितीयक लीवर कैंसर
द्वितीयक लीवर कैंसर (Secondary Liver Cancer) एक ऐसी अवस्था है, जिसमें कैंसर लीवर में उसकी किसी दूसरी जगह से फैलकर (मेटास्टेसिस) पहुंचता है। इसमें शरीर के किसी अन्य अंग, जैसे कोलन, पेट, अग्न्याशय या स्तन से आई कैंसर कोशिकाएं लीवर में बढ़ने लगती हैं, जो सही तरीके से काम नहीं करतीं और धीरे-धीरे स्वस्थ लीवर ऊतक को नष्ट कर देती हैं।
लीवर कैंसर के लक्षण

वजन कम होना

थकान, कमजोरी

आसानी से खून बहना

बुखार, ठंड लगना

दाहिने कंधे के ब्लेड में दर्द

पेट में पानी भरना

खुजली

भूख कम लगना

मतली और उल्टी

पेट में सूजन

पीलिया

लीवर या तिल्ली का बढ़ना
उपचार



बच्चों में लीवर कैंसर
बच्चों में लीवर कैंसर के मुख्य लक्षण हैं: पेट में सूजन या गांठ, त्वचा और आँखों का पीला होना (पीलिया), पेट के दाहिने हिस्से में दर्द, भूख कम लगना और वजन गिरना, बार-बार उल्टी होना, थकान और कमजोरी महसूस होना, और पेशाब का रंग गहरा होना। इन लक्षणों में से कोई भी लंबे समय तक रहे तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं, जिससे बीमारी की समय रहते पहचान और सही इलाज हो सके।
